ज्ञान की दुनिया, नारीवादी नज़र से

अंक 005 : अपराध

अंक 005

अपराध

जब हमने नारीवादी नज़रिए से अपराध को देखने के बारे मे सोचा तो पहला सवाल यही था कि आखिर इसका मतलब क्या है? अपराध से हम क्या समझते हैं? कौन है जो अपराधी कहलाते हैं?

जहां हम खोजते हैं सत्ता का हमसेहमारी सोचहमारे अस्तित्वहमारी देह और आत्मीयता से क्या रिश्ता है.

जहां हम राज्य, कानून, जाति, धर्म, अमीरी–गरीबी और परिवार की मिलती बिछड़ती गलियों के बीच से निकलते हैं और उन्हें आंकते हैं.

यहां हम उस अंदाज़ को पेश करते हैं, जिसके ज़रिए विचारों, अनुभवों और दुनिया भर में तरह-तरह के प्रयोग करने की कोशिश की जा रही है.

नारीवादी सोच एक बहुरंगी चश्मा है जो हमारे जीवन के भिन्न और उलझते तारों को देखने में मदद करता है.

‘हिंसा की शब्दावली’ का निर्माण ज़मीनी स्तर पर काम करने वाली एवं अनुभवी केसवर्करों द्वारा किया गया है जो जेंडर आधारित हिंसा से जुड़े मुद्दों पर दशकों से काम करती रही हैं.

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सुनीता प्रजापति: अपराध और खामोशी के बीच क्राइम रिपोर्टिंग

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केसवर्कर्स डायरी

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एकल इन द सिटी

4 एपिसोड

फ से फील्ड, श से शिक्षा

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